प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर हैं। डोनाल्ड ट्रंप के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा, "आज मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मेरे प्रशासन ने दुनिया के सबसे बुरे लोगों में से एक और मुंबई के भयानक आतंकवादी हमले से जुड़े साजिशकर्ता के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। वह अब भारत में न्याय का सामना करेगा।" जनवरी में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी, क्योंकि उसने इस मामले में उसकी समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया था।
भारत ने पिछले महीने कहा था कि वह राणा के जल्द प्रत्यर्पण के लिए अमेरिकी अधिकारियों के साथ काम कर रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था, "अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 21 जनवरी को आरोपी की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। हम अब मुंबई आतंकी हमले के आरोपी को भारत को जल्द प्रत्यर्पित करने की प्रक्रिया से जुड़े मुद्दों पर काम कर रहे हैं।
तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की मांग भारत लंबे अरसे से कर रहा था। राणा ने 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली को आर्थिक मदद दी थी। हेडली ने मुंबई में हमले वाली जगहों की रेकी की थी। तहव्वुर राणा को अमेरिकी फेडरल पुलिस ने 2009 में गिरफ्तार किया था। उसी समय से उसके प्रत्यर्पण को लेकर दोनों देशों के बीच बात चल रही थी।
तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है। उसका जन्म पाकिस्तान में हुआ था। तहव्वुर राणा पाकिस्तानी सेना में बतौर डॉक्टर अपनी सेना दे चुका है। वह मुंबई हमले के मास्टर माइंड डेविड कोलमैन हेडली का काफी करीबी बताया जाता है।
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